इस मानसून पढ़े हिंदी साहित्य की ये 7 सर्वश्रेष्ठ किताबें
बारिश के समय पकौड़े खाना तो मुझे भी पसंद है और आपको भी होगा। लेकिन एक अच्छी हिंदी साहित्य की किताब के लिए मैं गरम पकौड़े को भी छोड़ सकता हूं। अगर आप भी हिंदी साहित्य के इतने ही बड़े आशिक है तो आपका स्वागत है। मैं आपको इस लेख में ऐसी 7 किताबें बताऊंगा जिसे पढ़कर आपको रोना, हँसना, चिंतन करना और प्यार करना सब आ जायेगा। साथ ही आप इस मनसूस को और भी मजे से जी पाएंगे।
इस मानसून पढ़े हिंदी साहित्य की ये 7 सर्वश्रेष्ठ किताबें
गुनाहों का देवता

धर्मवीर भारती, भारतीय साहित्य के तमाम चमकते सितारों में शुमार है। उनकी सर्वश्रेष्ठ कृतियों में से एक गुनाहों का देवता है। ये इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफ़ेसर और उनकी बेटी की कहानी है। कहानी के केंद्र में चंदर भी है जो एक छात्र के तौर पर प्रोफ़ेसर के पास ही रह रहा होता है। प्रयागराज में रहने वाले हर साहित्य प्रेमी की सूची में ये किताब सामिल होती ही है। और एक प्रेम कहानी होने के नाते देश के हिंदी भाषी क्षेत्र में ये कहानी बड़ी प्रचलित हुई है। इस मानसून आप भी दो दिलों के पावन और पवित्र प्रेम को महसूस करने के लिए गुनाहों का देवता जरूर पढ़े।
गबन

प्रेमचंद की ये कृति हिंदी के चुनिंदा उपन्यासों में गिना जाता है। ये कहानी है एक ऐसा भारतीय परिवार की जो परंपरा को कुरीतियों से बंधा हुआ है । परिवार की लड़कियों को बचपन से ही शादी का सपना दिखाया जाने लगता है। और उनको भी यही उनके जीवन का परम लक्ष्य लगता है। ऐसी ही परिस्थितियों में जालपा भी पाली बड़ी होती है । उसको बचपन से ही जेवर का शौक हो जाता है। और जालपा का सपना होता है की उसके ससुराल ने उसे चंद्रहार मिले। और उसके इस सपने के चलते किस तरह बड़ी से बड़ी समस्याएं खड़ी हो जाती है कहानी में यही बताया गया है।
प्रेमचंद कहते है की जिस देश में खाने को अन्न न हो उस देश की औरतों को महंगे जेवर पहनना ठीक नहीं लगता है। इस उपन्यास को पढ़कर आप मानसून का दोगुना आनंद तो ले ही सकेंगे साथ ही भारतीय समाज की जमीनी हकीकत से भी रूबरू होंगे।
आषाढ़ का एक दिन

आषाढ़ का समय हो और आप चाय की गरम चुस्कियों के साथ आषाढ़ का एक दिन पढ़ रहे हो, इससे बढ़िया और क्या होगा। आषाढ़ का एक दिन हिंदी साहित्य के महान साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी है। इसको पढ़कर आपको प्रेम प्रसंग का एक अलग और नया स्तर मालूम होगा। इस कहानी में नायक और नायिका के बिछड़ जाने के बाद का वियोग बताया गया है । कैसे कालिदास के चले जाने के बाद उसकी प्रेमिका हर दिन तड़पती है और अंदर ही अंदर टूटकर बिखर जाती है। हो सके तो एक रुमाल लेकर ही इस कहानी हो पढ़ने बैठे। इस कहानी को पढ़कर आप की आंखों में आंसू आ जाना स्वाभाविक है।
मैला आंचल

ये उपन्यास भी सशक्त और लयबद्ध लेखन के लिए जाने जाने वाले फणीश्वर नाथ रेणु ने ही लिखा है। मैं इस उपन्यास को पढ़ रहा हूं और आधा पढ़कर ही मुझे इसके बेहतरीन होने का सबूत मिल गया । ये कहानी भारत के आज़ादी के समय की है। जब भारत आजाद हो रहा था तो विहार के एक पिछड़े और अशिक्षित गांव में अस्पताल खुलने की खबर आती है। उस गांव में बाहर से एक बड़ा डॉक्टर आता है। गांव वाले बड़े खुश होते है। लेकिन आगे पता चलता है की वो डॉक्टर सिर्फ लोगों का सामान्य इलाज करने नहीं बल्कि पूरे बिहार में हर साल फैलने वाले मलेरिया पर सोध करने आया है। इसी के साथ ये कहानी आगे बढ़ती है ।ये कहानी पढ़कर आप महसूस करेंगे की आज़ादी के समय भरते कितनी अशिक्षा और अंधविश्वास था । कैसे गांव के ही आधे लोग अस्पताल खुलने का विरोध कर रहे थे क्योंकि उनको कुछ न कुछ पूर्वाग्रह था। आजादी के समय भारतीय गांव की खासकर विहार के गांव की स्थिति समझने के लिए ये उपन्यास जरूर पढ़े।
कितने पाकिस्तान

इस उपन्यास को 2003 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसके लेखक हिंदी के जाने माने साहित्यकार कमलेश्वर है। ये कहानी भी भारत के आज़ादी के समय की ही है। जब भारत आजाद हो रहा था हो कैसे हिंदू मुसलमान के बीच भाईचारा खतम हो गया और भारत का बटवारा हो गया । इस कहानी में बटवारे के समय की दर्दनाक हिंसा को उकेरा गया है।
राग दरबारी

यह उपन्यास व्यंगात्मक होकर भी व्यंगात्मक उपन्यास नहीं है। इसे श्रीलाल शुक्ल जी ने लिखा है। भारत के गांव की मूल्यहीनता हो दर्शाते हुए उन्होंने इस उपन्यास को उद्देश्यपूर्ण व्यंग की सूची में सामिल कराया है। इस उपन्यास को 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इस बारिश के मौसम में आप श्रीलाल शुक्ल के व्यंग का भरपूर आनंद लेने के लिए इस उपन्यास को जरूर पढ़े।
कसप

कसप एक प्रेम कथा है और मनोहर श्याम जोशी की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में से एक है। कसप एक मध्यम वर्गीय परिवार के नवजवान की कहानी है। उसका नाम देवी दत्त तिवारी है और उसे एक लड़की से प्रेम हो गया है। लेकिन मध्यम वर्ग के परिवारों में प्रेम एक बहुत बड़ी बात होती है। परिवार के विरोध और दोनों के बीच गहरे प्रेम के टकराव से घोर पीड़ा जन्म लेती है। और इस पीड़ा के चलते जन्मे दार्शनिकता से आ बिलकुल मुक्त हो जायेंगे। अतः इस मानसून आप प्रेम और वियोग को करीब से जीना चाहते है तो कसप जरूर पढ़े।
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